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कुतुबमीनार


भारत की राजधानी दिल्ली में ज्योतिष नक्स्त्रविधा के अध्धयन के लिए  उपयोग में लाया जाने वाला एक ऐतिहासिक स्मृति चिन्ह कुतुबमीनार (उपनाम विक्रम -स्तम्भ )संसार में जटिलतम ज्योतिष एव अदभुत वास्तु का जीवंत नमूना है।
भव्य ज्योतिषविधा की वेधशाला को तोड़ने वाला मूर्तिधवंसक प्रथम मुस्लिम सुल्तान कुतुबद्दीन जो दिल्ली पर शासन करने वाला पहला मुस्लिम था।
इस मंदिर संकुल के कुछ अंश अपनी सुकोमल हिन्दू अलंकृतियुत स्तंभो कि सहायता से अभी भी वही पर खड़े है। इस स्तम्भ की पृष्ठ -रज्जु ईंट और चुने की है।  स्तम्भ के चारो ओर मंदिर में हिन्दू देवताओ और देवियो को देखा जा सकता है।
जब मुस्लिम लुटेरे कुतुबुद्दीन ने 27 नक्स्त्रीय मंडपों को धवस्त कर दिया,तो उसे आकाश चुम्बी हिन्दू नक्स्त्रीय स्तम्भ नष्ट करने में अत्यधिक उचा और भयावह दिखा,उसने स्तम्भ को गोला -बारूद से उड़ाने के बजाय स्तम्भो के कुछ पत्थरो को निकलवाया हिन्दू  प्रतिमाओ को भीतर कि ओर करवा दिया और दूसरी बाहर कि और अरबी भाषा शब्दावली खुदवा डाली।  

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